
नई दिल्ली:
सर्दियों ने इस बार पूरे देश में कहर बरपा दिया है। उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में शीतलहर ने अपने चरम पर पहुंचकर कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में तापमान गिरकर 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। कोहरे और बर्फीली हवाओं के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, जबकि ट्रेन और हवाई सेवाओं पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है।
उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप
दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में तापमान लगातार गिरता जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में शीतलहर का असर साफ देखा जा सकता है।
राजस्थान के माउंट आबू में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है, जबकि जयपुर और उदयपुर जैसे शहरों में भी कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी ने ठंड को और बढ़ा दिया है।
कोहरे का कहर
कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। नेशनल हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। इसके साथ ही, हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जबकि कई विमानों का समय बदला गया है।
रेलवे भी कोहरे से अछूता नहीं रहा। कई प्रमुख ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। उत्तर रेलवे ने बताया कि करीब 150 ट्रेनें अपने तय समय से घंटों लेट चल रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बर्फबारी से पहाड़ी राज्यों में मुश्किलें

हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन ठप हो गया है। हिमाचल के शिमला, मनाली और डलहौजी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। यह बर्फबारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह परेशानी का कारण बन गई है।
उत्तराखंड में चमोली और औली जैसे इलाकों में बर्फबारी के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। कई गांवों का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है। बर्फीली सड़कें दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं, जिससे राज्य सरकार ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ रहा है। अस्पतालों में ठंड से संबंधित बीमारियों जैसे हाइपोथर्मिया, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के मामलों में इजाफा हुआ है। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अत्यधिक ठंड में बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें।
डॉ. आरके शर्मा, एम्स दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, “ठंड में बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म पानी का सेवन करें और शरीर को पूरी तरह ढककर रखें।”
सरकार की तैयारियां और राहत कार्य
ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकारों ने कई राहत उपायों की घोषणा की है।
- दिल्ली सरकार: रैन बसेरों की संख्या बढ़ाई गई है और वहां जरूरतमंदों के लिए कंबल, गर्म कपड़े और भोजन की व्यवस्था की गई है।
- उत्तर प्रदेश सरकार: शीतलहर से प्रभावित इलाकों में स्कूलों को 15 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।
- राजस्थान सरकार: जयपुर और जोधपुर में खुले आसमान के नीचे सोने वाले लोगों के लिए विशेष शेल्टर होम बनाए गए हैं।
- पंजाब सरकार: गुरुद्वारों में लंगर के साथ-साथ जरूरतमंदों को कंबल और गर्म कपड़े बांटे जा रहे हैं।
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