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भारतीय शेयर बाजार में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।

व्यापक सूचकांक आउटपरफॉर्म करते हैं; 48 स्मॉलकैप ने दिया डबल डिजिट रिटर्नभारतीय शेयर बाजार में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 423.49 अंकों की कमी के साथ 76,619.33 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 108.60 अंक गिरकर 23,203.20 पर स्थिर हुआ।

प्रमुख घटनाएँ:

गिरावट के प्रमुख कारण:

  1. वैश्विक संकेतकों में कमजोरी: अमेरिकी बाजारों में गिरावट और एशियाई बाजारों में नकारात्मक रुझान ने भारतीय बाजार पर दबाव डाला। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.16% की गिरावट, एसएंडपी 500 में 0.21% की कमी, और नैस्डैक कंपोजिट में 0.89% की गिरावट दर्ज की गई।
  2. एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर पूंजी निकासी से बाजार में दबाव बढ़ा।
  3. कंपनी परिणामों का प्रभाव: इंफोसिस के तिमाही परिणामों के बाद उसके शेयरों में 5.73% की गिरावट आई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के सकारात्मक परिणामों के बावजूद बाजार की समग्र कमजोरी के कारण उसके शेयरों में सीमित वृद्धि हुई।

निवेशकों के लिए सलाह:

वर्तमान बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने और दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाली कंपनियों में निवेश करना लाभकारी हो सकता है।

निष्कर्ष:

17 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन से महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की मौजूदा परिस्थितियों में सतर्क रहें और सूचित निर्णय लें।

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