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“दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, 27 साल बाद सत्ता में वापसी”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, लगभग तीन दशकों के बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है। भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी इस बार भी खाता खोलने में असफल रही।

भाजपा की रणनीति और सफलता के कारण:

1. सतत और केंद्रित संपर्क अभियान: भाजपा ने दलित बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में महीनों तक सतत और केंद्रित संपर्क अभियान चलाया। पार्टी ने 30 विधानसभा क्षेत्रों में, जहां दलित मतदाताओं की संख्या 17% से 45% तक है, विशेष ध्यान दिया। इन क्षेत्रों में पार्टी ने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को विस्तारक के रूप में नियुक्त किया और प्रत्येक मतदान केंद्र पर 10 दलित युवाओं को तैनात किया।

2. आप सरकार की विफलताओं को उजागर करना: भाजपा ने आप सरकार की कमियों को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं, मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अनियमितताओं, अस्पतालों के निर्माण में देरी, और अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इन मुद्दों पर उपराज्यपाल (LG) की सक्रियता ने भी भाजपा को आप पर हमला करने का अवसर प्रदान किया।

3. स्थानीय नेताओं का समर्थन: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली जैसे नेताओं का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए फायदेमंद रहा। लवली ने गांधी नगर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ के कारण पार्टी की स्थिति को मजबूत किया।

4. दलित समुदाय के साथ जुड़ाव: भाजपा ने दलित समुदाय के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए। इन सम्मेलनों में समुदाय के प्रमुख स्थानीय लोगों को सम्मानित किया गया, जिससे समुदाय के बीच पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ी।

चुनाव परिणाम का विस्तृत विश्लेषण:

भाजपा की इस जीत को कई कारकों से जोड़ा जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्यम वर्ग के मतदाताओं का समर्थन, हाल ही में दिए गए कर राहत, और पार्टी की विकासोन्मुखी नीतियाँ इस सफलता के प्रमुख कारण रहे हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी नेतृत्व क्षमता ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आप की हार के कारण:

आप पार्टी, जिसने पिछले दो चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, इस बार 22 सीटों पर सिमट गई। पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए भाजपा को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई सरकार दिल्ली के नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करेगी। केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि नई सरकार दिल्ली के विकास के लिए काम करेगी।”

चुनाव प्रचार और मुद्दे:

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने गरीबों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए वित्तीय सहायता, रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं पर सब्सिडी, और दिल्ली के समग्र विकास के वादे किए। वहीं, आप पार्टी ने अपने पिछले कार्यकाल में किए गए कार्यों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार, को प्रमुखता से प्रस्तुत किया। हालांकि, केजरीवाल के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप और उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया।

चुनाव प्रक्रिया और मतदान प्रतिशत:

चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार मतदान प्रतिशत 60% से अधिक रहा, जो दर्शाता है कि दिल्ली के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का सक्रिय रूप से उपयोग किया। कुल 1.5 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से अधिकांश ने मतदान में हिस्सा लिया, जो लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भाजपा की आगे की चुनौतियाँ:

दिल्ली की सत्ता में वापसी के साथ ही भाजपा के सामने कई चुनौतियाँ हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर जनता की अपेक्षाएँ बढ़ी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव परिणाम के बाद कहा, “हम दिल्ली के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:

दिल्ली में भाजपा की जीत का राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ेगा। पिछले वर्ष के राष्ट्रीय चुनावों में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद, यह जीत पार्टी के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है। इसके साथ ही, राज्यसभा में भाजपा की स्थिति मजबूत होगी, जिससे केंद्र सरकार के लिए कानून पारित करना आसान हो सकता है।

निष्कर्ष:

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत कई कारकों का परिणाम है, जिसमें पार्टी की रणनीति, नेतृत्व की क्षमता, और मतदाताओं की बदलती प्राथमिकताएँ शामिल हैं। आने वाले समय में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भाजपा अपनी नीतियों और वादों को कैसे लागू करती है और दिल्ली के विकास में किस प्रकार योगदान देती है।

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